अपनों से मुलाक़ात शायरी की रचनाएँ
Mulakat Shayari in Hindi
एक मुलाक़ात जरूरी है
दोस्तों प्यार और जज़्बात की दुनिया में मुलाकात शायरी ( mulakat shayari ) का अपना ही अंदाज़ है। एम् सी एम् इजी लाइफ पर आपको मिलन के हर मौके के लिए बेहतरीन शायरी मिलेगी फिर चाहे वो मिलना शायरी हो , दिल छू लेने वाली हो मुलाकात पर शायरी ( mulakat per shayari ) हो या मोहब्बत से भरी मिलन की शायरी हो आपको हर परिस्थिति के लिए मुलाकात शायरी की रचनाएँ मिलेंगी । यहाँ पहली मुलाकात की धड़कनें हों या बिछड़े पलों के बाद मिलने की खुशी और उम्मीदों से भरी मिलने के लिए शायरी ( milne ki shayari )मौजूद है। अपनी भावनाओं को और गहराई से व्यक्त करने के लिए इन शायरियों का संग्रह आपके लिए खासतौर पर तैयार किया गया है।
मिलन की शायरी के शेर ( Lines on milne ki shayari )
अधूरी मुलाकात ( Adhuri Mulaakat )
मिलकर भी उनसे बातें अधूरी रह जाती हैं … हर बार मुलाकातें अधूरी रह जाती हैं।
Milkar bhi unse baatein adhuri reh jaati hain….. har baa mulakatein adhuri reh jaati hain .
(ये हे तो बात है दोस्तों जब किसी से प्यार हो तो फिर चाहे कितना हे बातें कर लो, चाहे उनके साथ कितना भी समय बिता लो मन भारता ही नहीं। दिल हर बार ये हे दुआ मांगता है की वक़्त रुक जाये मगर ये वक़्त का पहिया है दोस्तों रुकता नहीं हमे तो इंतज़ार करना होता है अगली मुलाक़ात का। )
खामोश मुलाकात ( khamosh Mulakat )
सोचा तो था आज की मुलाक़ात में बहोत सी बातें होंगी ….. मगर कम्बखत जुबान खामोश रही आँखें बोलती रही
Milkar bhi unse baatein adhuri reh jaati hain….. har baa mulakatein adhuri reh jaati hain .
(ये हे तो जादू है दोस्तों जो हमारे दिल में बस जाते है उनसे बहोत सी बातें करने का दिल करता है मगर जब मुलाकात होती है तो तो उन्हें देखने से दिल कहाँ भरता है जुबान तो जैसे खामोश सी हो जाती है फिर तो हर बात जैसे आँखें हे करती हैं। )
अधूरी मुलाकात ( Adhuri Mulaakat )
शायद वो मेरे मुकद्दर में ही न थे …. तभी तो दिल की बात अधूरी रह गई
Shaayad wo mere mukadaar mein he na the …jabhi to dil ki baat adhori reh gai..
( ये हे तो बात है दोस्तों जब किसी से प्यार हो तो फिर चाहे कितना हे बातें कर लो, चाहे उनके साथ कितना भी समय बिता लो मन भारता ही नहीं। दिल हर बार ये हे दुआ मांगता है की वक़्त रुक जाये मगर ये वक़्त का पहिया है दोस्तों रुकता नहीं हमे तो इंतज़ार करना होता है अगली मुलाक़ात का। )
मुलाकात की चाहत ( Mulakat Ki Chaahat )
दिल तो कह रहा था की तुमसे हजारों बातें करूँ मगर तुमसे मिलने की तमना अधूरी सी रह गई।
Dil to keh raha tha ki tumse hazaron baatein krun magar….tumsse milne ke tamana adhori se reh gai
(ये हे तो बात है दोस्तों जब किसी से प्यार हो तो फिर चाहे कितना हे बातें कर लो, चाहे उनके साथ कितना भी समय बिता लो मन भारता ही नहीं। दिल हर बार ये हे दुआ मांगता है की वक़्त रुक जाये मगर ये वक़्त का पहिया है दोस्तों रुकता नहीं हमे तो इंतज़ार करना होता है अगली मुलाक़ात का। )
झूठी मुलाक़ात ( Jhoothi Mulakat )
दिल की बातें न हों वो मुलाक़ात किस काम की ….वो जो दिल से न मिलें तो मुहोब्बत किस काम की।
Dil ki batein na hon wo mulaaquat kis kaam ki… wo jo dil se na mile to mohobbat kis kaam ki .
( बात दिलकुल सही है दोस्तों जब हम किसी से मिलें और वो सिर्फ ऊपरी मन से बात कर रहो हो या कहें की उसकी मुलाक़ात सिर्फ औपचारिकता मात्र हो तो उसे दिल में बसने से ग़मों के इलावा कुछ हासिल नहीं होता। )
फिर मिलने का बहाना ( Fir Milne ka Bahana )
हर बार मेरी मुलाकात अधूरी रह जाती है जैसे ऊपर वाला चाहता है कि ये मुलाकातों का सिलसिला हमेशा चलता रहे।
Har baar meri mulaquat adhoori reh jaati hai, jaise uper wala chaahata hai ki ye mulaquaton ka silsala hamesha chalta rahe.
( दोस्तों जब हम किसी को चाहने लग जाएं तो उनसे मुलाकात तब तक पूरी नहीं लगती जब तक दिल की बात न कह दें मगर अगर हम नहीं भी कह पाते तो भी इसका अलग हे मज़ा होता है एक अगली मुलाकात का बहाना ढूँढ़ने लगते है इसे ही तो प्यार कहते हैं। )
मिलने की बेकरारी
(Milan ki Bekarari )
तुमसे मिलने को बेकरार थे हम….. पर तुमसे मिलकर भी करार न मिला।
Tumse milne ko bekarar thy hum… per tumse milkar bhi karaar na mila.
( ये ही तो प्यार होता है दोस्तों जब तक मिलन न हो तब तक जैसे बेचैनी सी छाई रहती हाई मगर ये मिलने की चाहत ही ऐसी होती है दोस्तों अगर वो कहीं मिल भी जाएं तो भी दिल को चैन नहीं मिलता।)
मिलान के जतन
(Milne ke Jatan )
सोचता हूँ तुम पर मुकददमा कर दूँ। .. कम से कम तारीखों पर तो मिला करोगे।
Soochta hoon tum per Mukaddma kar doon…. Kam se kam taarikhon per to mila karoge.
( हा हा हा गज़ब सोच है हालांकि ये बात मज़ाक में कही गई है मगर मिलान का गज़ब तरीका हो सकती हैं। हम सब जानते हैं मुकदमें कई कई साल चलते रहते हैं ऐसे में यदि किसी ऐसे चाहने वाले पर मुकददमा करने का मौका मिल जाये जो हमसे मुँह फेरे बैठा हो और लाख मानाने पर भी मान न रहा हो। मुकददमा होने पर कम से कम तारीखों पर तो मिलने आएगा ही।)
खवाबों में मुलाकात
(Khawabon mein Mulakat)
हसरत तो थी की उनसे ख्वाबों में मुलाकात हो जाती…. मगर वो तो अपने साथ हमारी नींद ही उड़ा ले गए।
Hasrat to thi ki unse khwabon mein mulakat ho jaati… magar wo to apne saath hamari neend he le gaeye.
( बोलो सच है न दोस्तों जब हकीकत में उनसे मुलाक़ात न हो तो ऑंखें बंद होने पर भी उनकी याद आती है, और मन में ऐसे ख्याल आते है कि चलो खवाबों में ही उनसे मुलाकात हो जाएगी मगर ऐसा होता कहाँ है जनाब एक बार उनका ख्याल आ जाये तो नींद भी आँखों में दस्तक नहीं देती।)
